सॉफ्टवेयर एक से अधिक प्रोग्राम इंस्ट्रक्शन का ग्रुप हैं , जिसमे छोटे छोटे बहुत से प्रोग्राम होते हैं, यह स्पेसिफिक कार्य के बनाये जाते हैं, इन्हे हम छू नहीं सकते, सिर्फ कंप्यूटर स्क्रीन पर देख सकते हैं।
यह मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं
1 . सिस्टम सॉफ्टवेयर
2. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर
1 . सिस्टम सॉफ्टवेयर
इस सॉफ्टवेयर में वे सभी सॉफ्टवेयर आते हैं जिनके बिना हम कंप्यूटर पर कार्य नहीं कर सकते हैं, मुख्यतः Operating System, Utility Software और Device Driver आते हैं।
1.1 Operating System
ऑपरेटिंग सिस्टम, कंप्यूटर बूट होने के बाद लोड हो जाता हैं, यह एक मेडिएटर का कार्य करता हैं जो यूजर इनपुट को मशीन कोड में बदलता हैं, और मशीन कोड को यूजर आउटपुट में बदल कर स्क्रीन पर डिस्प्ले या जो कमांड दी हैं उसके अनुसार कार्य करता है।
1.2 Utility Software
1.3 Device Driver
कंप्यूटर में जब भी कोई हार्डवेयर डिवाइस को जोड़ा जाता हैं तो हमें उस डिवाइस के ड्राइवर की जरुरत होती हैं, ड्राइवर एक प्रकार का सॉफ्टवेयर हैं जो डिवाइस कैसे कार्य करेगा यह ऑपरेटिंग सिस्टम को समझा देता हैं और ओपेरेटिंग सिस्टम और ड्राइवर आपस में कम्यूनिकेट करके हमारे द्वारा दिए गए कमांड को फॉलो करते रहते हैं।
2. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर
कंप्यूटर यूजर एप्लीकेशन सॉफ्टवेर का ही उपयोग करते हैं. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर ऑपरेटिंग सिस्टम इनस्टॉल होने के बाद इनस्टॉल होते हैं, इनके लिए ऑपरेटिंग सिस्टम जरुरी होता है। इनमे वे सभी सॉफ्टवेयर आते हैं जो यूजर के जरूरतों के अनुसार बनाये जाते हैं , यदि आपको प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के बारे में जानकारी है तो आप भी एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर बना सकते हैं, वर्ड प्रोसेसिंग, स्प्रेडशीट, प्रेजेंटेशन से सम्बन्धी सभी सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर ही होते हैं।
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